SHRI GURU RAVIDASS JI MAHARAJ HARIDWAR

 हरिद्वार में श्री गुरु रविदास महाराज की मूर्ति को किया गया खंडित| रविदासिया समाज में भारी आक्रोश|



हरिद्धार,(उत्तराखंड)| हरिद्धार के चंडी घाट पुल के निकट संत शिरोमणि गुरु रविदास की मूर्ति को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा खंडित किए जाने की खबर प्रकाश में आई है।मूर्ति खंडित किए जाने को लेकर गुरी रविदास एकता मंच और गुरु जी  के अनुयायियों में भारी रोष व्याप्त है। मंच के नेता तीर्थपाल रवि द्वारा इस बाबत श्यामपुर पुलिस थाने को अवगत कराया गया। रविदास एकता मंच के नेता तीर्थ पाल रवि ने बताया कि कुछ दिनों पहले विधायक सुरेश राठौड़ द्वारा चंडीघाट पुल के निकट सतगुरु रविदास की मूर्ति को स्थापित की गई थी। लेकिन दो दिन पहले कुछ असामाजिक तत्व और दलित विरोधी मानसिकता के लोगों द्वारा गंगा घाट पर लगी गुरु रविदास जी की मूर्ति को वहां से हटाकर उसे गंगा में फेंक दिया गया।





जैसे इस खबर की जानकारी गुरु रविदास समाज के लोगों को मिली तो उन में उबाल आ गया है। उधर दलित मंच के अध्यक्ष बालेश्वर सिंह और कांग्रेसी जुड़े कुछ नेताओं द्वारा पूरे मामले से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अवगत कराया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस बाबत फोन पर हरिद्वार जिला प्रशासन को सूचना देते हुए मूर्ति को तत्काल प्रभाव से स्थापित किए जाने की मांग की। बदहाल मूर्ति खंडित किए जाने को लेकर दलित समाज के लोगों में खासा गुस्सा है। कुछ लोग लोक डाउन की आड़ लेकर ऐसे घटिया कार्यों में जुटे हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। यह बहुत दुखद घटना है । इसके साथ ही मंच के नेता तीर्थपाल व बालेश्वर सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि यदि प्रशासन ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया तो जल्द ही बिरादरी के लोगों को एकजुट कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया जाएगा।

समाज में इस घटना को लेकर भारी रोस के कारण गुरु रविदास समाज के युवाओं ने अपने घरों की दीवारों  से देवी देवताओं की फोटो पेंटिंग उतार कर ,उनका बहिष्कार कर अपना दुख व्याप्त किया ?

हरिद्वार हर की पौड़ी भारतवर्ष में 68 तीर्थों में एक मशहूर प्राचीन धार्मिक स्थल हैं । जहां भारतवर्ष से लाखों लोग हर रोज इस धर्म नगरी के दर्शन करने के लिए आते हैं ऐसे धर्म स्थानों पर इस तरह गुरु वह महापुरुषों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया यह एक बड़ी दुख की बात ऐसा नहीं होना चाहिए ।
जबकि गुरु रविदास जी ने अपनी वणियो से समस्त मानवता के भलाई के लिए सैकड़ों स्लोक श्री अमृतवाणी में दर्ज है ।

वन खोजे पिया ना मिले
 वन में प्रीतम नाही ,

रविदास पिया है बस रहे
 हो मानव प्रेम में माही ,,

गुरु रविदास जी ने साफ साफ कहा कि जिस परमात्मा की खोज में इंसान जंगलों पहाड़ों गुफाओं में भटकता है वह  प्रभु परमात्मा किसी खास धर्म मजहब का नहीं वह तो समस्त जीव जंतुओं इंसानियत मानवता में बसता है आपसी भाईचारे में बसता है इसलिए ,

ऐसा चाहू राज में जहां मिले सभी को अन ।
 छोटे बड़े सब सम बसे रविदास रहे पर्सन ।।

सभी जीवो इंसानों की भलाई की कामना करने वाले गुरु रविदास जी की बेअदबी करना बहुत बुरी बात है।

 इंसानियत व धार्मिक उन्माद फेहलाने वाले लोग इंसानियत व मानवता के दुश्मन होते है ।
उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो ।
और इसी घटना आगे से कभी न हो क्युकी महापुरषों का अपमान किसी को भी बर्दाश्त नहीं होता ।

Comments

Popular Posts